Editorial

हमारे प्रभु को भेद-भाव नहीं है!

१ राजाओं 20:23, 28    ‘‘तब अराम के राजा के कर्मचारियों ने उससे कहा, ‘‘उन लोगों का देवता पहाड़ी देवता है, इस कारण वे हम पर प्रबल हुए; इसलिये हम उनसे चौरस भूमि पर लड़े तो निश्चय हम उन पर प्रबल हो जाएंगे’’।
तब परमेश्वर के उसी जन ने इस्राएल के राजा के पास जाकर कहा, ‘‘यहोवा यों कहता है, ‘‘अरामियों ने यह कहा है कि यहोवा पहाड़ी देवता है, परन्तु नीची भूमि का नहीं है; इस कारण मैं उस बड़ी भीड़ को तेरे हाथ में कर दूंगा। तब तुम्हें ज्ञात हो जाएगा कि मैं यहोवा हँू।’’
         एक बार इस्राएलियों से युद्ध किया आराम और सेनाओं को कठिन पराजय का मुंह देखना पड़ा, उसके घोड़े, रथ सब नष्ट हो गए, उनकी हार का कारण जो पता लगा, इस्राएली, पहाड़ी पर युद्ध करते थे, इसलिये उनको हराने में असमर्थ रहें, कैसे भी तराइयों में उन्हें लेकर आए तो हरा सकते हैं।
        प्रभु की शक्ति और सामर्थ को उन्होंने कम आका, इसलिये अराम राजा और उनका सेना को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, युद्ध में पूरी तरह से पराजित हुए। हमारा प्रभु केवल पहाडों का प्रभु नहीं है, ऊंचाई, तराई समतल, मरूस्थल, समुद्र के गहराइयों और इन सभी का प्रभु है, ये प्रभु स्थान, समय, ऋतुओं को देखकर काम नहीं करता। सर्वशक्तिमान प्रभु को एक सीमा में रखकर जो लोग यह सोचते हैं कि हम परमेश्वर को सीमित कर सकते हैं, उनके लिए पूर्वाभास और जवाब है आराम-सैनिकों को मिला अनुभव।
प्रभु के वचन के प्रकाश में पहाड़ों, तराइयों के आपस में कुछ अन्तर हैं :-
1. पर्वत ऊँचाई ओर तराई निचाई को दिखाते हैं।
2. पर्वत ताकत ओर तराई सुखापन को दिखाता है।
3. पर्वत घमंड को और तराई नम्रता को दिखाता है।
4. पर्वत स्थिरता और तरार्ई कमजोरी को दिखाता है।
5. पर्वत धनाढय और तराई दरिद्रता को दिखाता है।
6. पर्वत भरपूरी और तराई शूनयता को दर्शाता है।
7. पर्वत जय और तराई हार को दर्शाता है।
8. पर्वत शांति और तराई अशांति को दिखाता है।
9. पार्वत जीवन ओर तराई मृत्यु को दर्शाता है।
10. पर्वत आशीष और तराई श्राप को दर्शाता है।
     ये विभिन्नता मन में रखकर आरामियों के बातों को यदि महत्व दें तो इसमें कोई गलत नहीं कि परमेश्वर ने उन्हें दण्डित किया, कारण बड़े हो या छोटे, उनके कहने का मतलब प्रभु भेद-भाव करता है? उनके न कहने पर उन्होंने कहा कि प्रभु ने तराईयों को छोड़ दिया, दरिद्र और कमजोर के प्रति प्रभु को कोई चिन्ता नहीं है, ऐसा उन्होंने सोचा, तराई को हमेशा प्रभु ने छोड़ दिया है, इसलिये शैतान ने सोचा कि प्रभु के लोगों को तराई में हरा देंगे, लेकिन वह गलत साबित हुआ, प्रभु ने इस्राएल के पक्ष में युद्ध कर, तराई में शत्रुओं का हरा दिया और स्वयं तराई का प्रभु है करके लोगों को साबित किया।
     आरामियों की तरह प्रभु को गलत साबित कर, विश्वास नष्ट करने वाले एक झुण्ड अभी भी है, उनका विचार प्रभु को उनके काम में कुछ भी विचार नहीं है।
मेरे साथ विश्वास में निकले सभी आशिषित हैं तो मेरी अवस्था पिछले से भी बढक़र बुरी क्यों?
मरेे जैसे रोगी हुए लोग यदि चंगे हुए तो, मेरे सेवा की अवस्था में चंगाई क्यों नहीं?
प्रभु भेद-भाव करता है क्यो?
प्रभु को क्या पर्वतों की ही चिन्ता है?
तराइयों की भी चिन्ता नहीं है?
        कभी-भी नहीं है हमारे प्रभु को भेद-भाव नहीं है, प्रभु के हृदय को सबसे ज्यादा दुख देने वाला आरोप होगा यह। सम्पत्ति का भाव, बड़ा-छोटा व्यक्ति का हाव-भाव देखकर नहीं जीवन में प्रभु यीशु अद्भुत करता है। टूटा और पिसा हुआ हृदय को प्रभु देखता है। नि:स्वार्थ (निष्कलंक) विश्वास, पूरा समर्पण वहां का मापदण्ड है।
इस वचन से प्रभु आप को आशीष देवें
प्रभु में आप का भाई,
शैजू जॉन (९४२४४००६५४)
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യേശുകർത്താവിന് എന്നെ അറിയാം !

ഒരിക്കൽ പത്രൊസിലുണ്ടായിരുന്ന ആ രണ്ടുമുഖങ്ങൾ കർത്താവിനെ വേദനിപ്പിച്ചതുപോലെ ഇന്ന് അനേക ദൈവമക്കളിൽ കാണുന്ന ഈ രണ്ടുഭാവങ്ങൾ കർത്താവിനെ എത്ര വേദനിപ്പിക്കുന്നുണ്ടായിരിക്കും. കർത്താവിന് നമ്മെ അറിയാം എന്ന, അഥവാ നമ്മൾ കർത്താവിൻ്റെ മക്കളാണ് എന്ന പ്രഖ്യാപനവും സാക്ഷ്യവും നമ്മുടെ ജീവിതത്തിൻ്റെ എല്ലാ മേഖലയിലും പ്രകടമാകണം. യേശുവുമായുള്ള നമ്മുടെ പരിചയവും ബന്ധവും ആഘോഷിക്കുന്ന ഇടങ്ങളാകട്ടെ നമ്മുടെ സോഷ്യൽമീഡിയകൾ. നമ്മുടെ വാട്സ്ആപ് പ്രൊഫൈലും, സ്റ്റാറ്റസുകളും യേശുകർത്താവുമായുള്ള നമ്മുടെ ദൃഢബന്ധം വിളിച്ചുപറുന്നതാകട്ടെ, കർത്താവിന് എന്നെ അറിയാം, ഇതിൽ ഞാൻ അഭിമാനിക്കുന്നു. *ആമേൻ*

വിലകൊടുത്തവർ

മറ്റുള്ളവരിൽ നിന്നും വ്യത്യസ്തമായി കാര്യങ്ങൾ ചെയ്തവർ. മറ്റുള്ളവരെക്കാൾ കൂടുതൽ വിശ്വാസ തീക്ഷ്ണത കാണിച്ചവർ. ശാസനകൾ വകവെക്കാതെ യേശുവിനെ വിളിച്ചു കരഞ്ഞവർ. ദേശത്തിൻ്റെ അതിർകടന്നും കർത്താവിൻ്റെ അടുക്കൽ വരുവാൻ ധൈര്യം കാണിച്ചവർ. *വിശ്വാസത്തിനുവേണ്ടി വിലകൊടുത്തവർ കർത്താവിൽനിന്നു അനുഗ്രഹങ്ങളും വിടുതലും പ്രാപിച്ചു*.      ആകയാൽ പ്രിയരേ, സാഹചര്യങ്ങളെ ഭയക്കാതെ, നിയന്ത്രണങ്ങളെ പേടിക്കാതെ, ശാസനകളെ മുഖവിലക്കെടുക്കാതെ, പരിധികളെ ഗൗനിക്കാതെ… വിശ്വാസത്തോടെ യേശുകർത്താവിൻ്റെ അടുക്കലേക്ക് വരിക. നിനക്കുവേണ്ടിമാത്രം വ്യത്യസ്തമായ ചിലത് കർത്താവ് ചെയ്യും ആമേൻ